कोरोना वायरस के फैलने के बाद जूम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप की डाउनलोडिंग में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला, लेकिन कुछ दिन बाद ही जूम एप प्राइवेसी को
लेकर विवादों में आ गया। गूगल और टेस्ला जैसी कई बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को जूम एप इस्तेमाल करने से मना कर दिया। अब इसी बीच खबर है कि जूम एप के पांच लाख एकाउंट्स हैक हो गए हैं और डाटा को डार्क वेब पर बेचा जा रहा है।
लेकर विवादों में आ गया। गूगल और टेस्ला जैसी कई बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को जूम एप इस्तेमाल करने से मना कर दिया। अब इसी बीच खबर है कि जूम एप के पांच लाख एकाउंट्स हैक हो गए हैं और डाटा को डार्क वेब पर बेचा जा रहा है।
ब्लीपिंग कंप्यूटर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि जूम के पांच लाख अकाउंट को हैक कर लिया गया है और डार्क वेब पर मामूली कीमत में लोगों का निजी डाटा बेचा जा रहा है। जूम एप यूजर्स का डाटा, हैकर्स फोरम पर बिक रहा है। इसके बारे में सबसे पहले एक अप्रैल को साइबर सिक्योरिटी फर्म Cyble ने जानकारी दी थी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह हैकिंग बाकायदा पासवर्ड और आईडी के जरिए हुई है यानी कि हैकर्स को इसके बारे में पहले से जानकारी थी।
जूम एप यूजर्स का जो डाटा हैकर्स तक पहुंचा है उनमें ई-मेल आईडी, पासवर्ड, मीटिंग का यूआरएल और होस्ट की जैसी जानकारियां शामिल हैं। इनमे से 290 अकाउंट कॉलेज और यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। "रिपोर्ट के मुताबिक जिन यूजर्स का डाटा लीक हुआ है उनमें
यूनिवर्सिटी ऑफ वर्मोंट, डार्टमाउथ,
फ्लोरिडा विश्वविद्यालय, कोलोराडो विश्वविद्यालय और सिटीबैंक जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं।"
अगर आप भी ज़ूम एप का यूज़ कर रहे है तो इसका यूज़ करना बंद करे आपका पर्सनल डाटा लीक हो सकता है।
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